लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सूचकांक के लिए उद्यमशीलता और आजीविका सुरक्षा को बढ़ावा देने के तहत संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग (सर्कुलर इकनॉमी) समय की मांग है। पद्म भूषण से सम्मानित कृषि वैज्ञानिक आर बी सिंह मंगलवार को यह विचार व्यक्त किये।
एक सरकारी बयान में कहा गया कि सिंह ने यहां पांच दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद टिकाऊ पर्यावरणीय स्थिति और उद्यमिता के लिए कृषि और औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया।
सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि ‘शून्य भूख’ की स्थिति हासिल करने के लिए ‘शून्य कचरा’ (जीरो वेस्ट) महत्वपूर्ण है और तीन-पी यानी पीपल (इंसान), प्लेनेट (उपग्रह) और प्रॉस्पेरिटी (समृद्धि) पर ध्यान देने की जरूरत है।
‘‘टिकाऊ पर्यावरणीय स्थिति के लिए कृषि और औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन पर उद्यमिता के अवसर’’ पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी प्रबंधन और व्यवसाय योजना विकास इकाई और भारत के कृषि विकास के लिए युवा पेशेवरों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
इसका उद्देश्य प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और ज्ञान प्रदान करना और युवाओं को उद्यमिता के अवसरों के बारे में बताना है।