कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारें प्रौद्योगिकी को छोटे किसानों तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही हैं।
विस्तार शिक्षा संस्थान (ईईआई) में ईईआई स्वर्ण जयंती सभागार का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘आज यह भी आवश्यक है कि हम कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बड़े पैमाने पर कैसे जोड़ सकते हैं।’’ जबकि देश में बड़े किसानों के पास प्रौद्योगिकी और कृषि विज्ञान केंद्रों सहित तमाम संसाधनों तक पहुंच है, यह केंद्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे छोटे किसानों तक पहुंचें, जिनके पास प्रौद्योगिकी और अन्य तक पहुंच नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें इस दिशा में काम कर रही हैं कि कृषि का डिजिटलीकरण कैसे बढ़ाया जा सकता है और डिजिटल गतिविधियों के माध्यम से आम किसानों तक कैसे पहुंचा जा सकता है।’’
तोमर ने पीएम-किसान योजना और सरकारी खरीद का उदाहरण देते हुए कहा कि इनपर पहले हर तरह के सवाल उठते थे। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के 2.40 लाख करोड़ रुपये 11.50 करोड़ किसानों के खातों में पहुंच गए हैं और अब देशभर में कोई सवाल नहीं उठाया गया है।
इसी तरह बिना किसी शिकायत के किसानों की उपज की खरीद के बाद उनके खाते में पैसा पहुंच जाता है।
उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उत्पादकता बढ़ाने, अपनी फसलों को बचाने और उन्हें बाजारों से जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है। केंद्र और राज्य सरकारें इस दिशा में पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने ‘‘प्रयोगशाला का काम कैसे जमीन तक’’ पहुंचता है (किसानों के) की आवश्यकता के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि देश अब खाद्यान्न के मामले में अधिशेष उत्पादन करने वाला देश हो गया है।
इस अवसर पर तेलंगाना के कृषि मंत्री एस निरंजन रेड्डी, केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।