केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि बढ़ती स्वास्थ्य जरूरतों और सरकारी समर्थन के दम पर भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग के भीतर अगले 25 साल में विनिर्माण और नवाचार में वैश्विक अगुवा बनने की क्षमता है।
जापान की यात्रा पर गए मांडविया ने तोक्यो में जापानी चिकित्सा उपकरण कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के दौरान भारतीय स्वास्थ्य देखभाल उद्योग की मजबूती का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र इसका एक जरूरी एवं अनिवार्य घटक है।
मांडविया ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र का योगदान उस समय अधिक प्रमुखता से उभरकर सामने आया जब भारत ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में चिकित्सा उपकरणों और डायग्नोस्टिक किट का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर अहम भूमिका निभाई।’’
उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के भीतर यह क्षमता है कि वह 11 अरब डॉलर के मौजूदा आकार से वर्ष 2030 तक चार गुना बढ़ जाए।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जरूरतें बढ़ने और इस वृद्धि को सरकारी समर्थन देने से भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग ऐसा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है। इसके अलावा सरकार ने राज्यों में चार चिकित्सा उपकरण पार्कों की स्थापना को भी मंजूरी दी है।