नयी दिल्ली। भारत अगर देश में कोल बेड मीथेन (सीबीएम) के कुल भंडारण के 10 प्रतिशत का भी उपयोग करता है, तो देश का कुल ऊर्जा आयात बिल दो अरब डॉलर तक कम हो सकता है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
देश में इस समय सीबीएम का अनुमानित 2,600 अरब घनमीटर का भंडार है।
यह बात पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत के रिकॉर्ड स्तर के कोयला उत्पादन को देखते हुए महत्वपूर्ण हो जाती है और इसे और बढ़ाने की योजना है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि सीबीएम के उपयोग में उद्योग के सामूहिक प्रयासों से देश का निकट भविष्य में दो अरब डॉलर तक आयात बिल बचाने में मदद मिल सकती है।
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इंटरनेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट एंड सस्टेनेबिलिटी एक्शन फाउंडेशन (आईसीसीएसए) के प्रमुख डॉ. जे एस शर्मा ने पीटीआई-से बातचीत में कहा, “भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में 77.81 करोड़ टन से अधिक का रिकॉर्ड कोयला उत्पादन दर्ज किया है।”
उन्होंने कहा, “हमारी योजना उत्पादन को 2025-26 तक बढ़ाकर एक अरब टन तक करने की है।