जम्मू-कश्मीर में जल्द होने वाली जी-20 बैठक को लेकर जहां इस केंद्र शासित प्रदेश में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है वहीं कश्मीर घाटी तथा आसपास के उन इलाकों जहां जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के जाने का कार्यक्रम है, उन क्षेत्रों को खूब सजाया संवारा जा रहा है। बैठक स्थल श्रीनगर में सड़कों और बाजारों का कायाकल्प हो गया है तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल गुलमर्ग भी मई के अंतिम सप्ताह में जी-20 देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस संबंध में बारामूला जिला प्रशासन सभी संबंधित व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे रहा है। हम आपको बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम के दौरान कहीं भी कोई पाबंदी नहीं होगी जबकि स्कूल, कॉलेज और बाजार भी खुले रहेंगे। सभी मार्गों पर यातायात सामान्य रूप से चलेगा और विदेशी प्रतिनिधियों की सुविधा के लिए एक उचित यातायात परामर्श भी जारी किया जाएगा। इस समय पूरे गुलमर्ग में मौजूदा संरचनाओं का सौंदर्य बढ़ाया जा रहा है जिसके लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है ताकि समय से सारे काम पूरे हो जाएं। इसके अलावा गुलमर्ग में गाइड और स्थानीय लोग भी बेहद खुश हैं क्योंकि पूरे इलाके का कायाकल्प किया जा रहा है।
दूसरी ओर, श्रीनगर में साज-सज्जा के साथ-साथ विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में लाल चौक निर्वाचन क्षेत्र के डीडीसी सदस्य इंजीनियर एजाज हुसैन ने युवाओं के लिए जी-20 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करना था। हम आपको बता दें कि जी-20 मेगा शिखर सम्मेलन 22 मई से 24 मई तक शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में होने वाला है, जो डल झील के तट पर स्थित है। माना जा रहा है कि यह बैठक जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी, विशेष रूप से कश्मीर पर्यटन को इससे वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिलेगा। इसलिए स्थानीय लोग जहां इस बैठक के लिए उत्साहित हैं वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इसके खिलाफ जहर उगला है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि आगामी जी-20 बैठक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के लिए एक ‘अच्छी प्रचार कवायद’ हो सकती है, लेकिन भारत को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) का शिखर सम्मेलन आयोजित करने और क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा करने से ही ‘विश्वगुरु’ बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम जी-20 के सदस्य देश- ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका या जापान, के करीब नहीं रहते हैं। हम इस क्षेत्र में रह रहे हैं और दक्षेस इस क्षेत्र की समस्याओं का ध्यान रखता है। यदि सरकार पहल करती है और दक्षेस शिखर सम्मेलन होता है तथा पाकिस्तान में जो कुछ हो रहा है, उसके साथ-साथ इस क्षेत्र द्वारा सामना की जा रही समस्याओं का समाधान होता है तो इससे भारत को इस क्षेत्र में ही नहीं, दुनिया में अग्रणी बनने में मदद मिलेगी।’’ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सरकार को समझना होगा कि रास्ता दक्षेस से होकर जाता है, न कि जी-20 से।
हम आपको बता दें कि काठमांडू में 2014 की बैठक के बाद से द्विवार्षिक दक्षेस शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है। वहीं, अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद कश्मीर में आयोजित होने वाली जी-20 की बैठक पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक होगी।