प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के दो दिवसीय दौरे के दौरान जहां राज्य की जनता को कई महत्वपूर्ण सौगातें दीं वहीं जनता ने भी मोदी के स्वागत में जिस तरह पलक पांवड़े बिछाये वह दर्शाता है कि भगवान का खुद का देश कहे जाने वाले केरल में भी कमल खिल सकता है। कोच्चि और तिरुवनंपुरम में प्रधानमंत्री के रोड शो के दौरान उनका अभिवादन करने के लिए जिस तरह भीड़ उमड़ी वह कोई राजनीतिक आयोजन नहीं बल्कि जनता की स्वतः स्फूर्त प्रतिक्रिया थी जो अपने उस प्रधानमंत्री को देखने और उनका स्वागत करने उमड़ी थी जोकि बिना किसी भेदभाव के केरल को सारी सुविधाएं दे रहे हैं। केरल में महिलाएं यदि आरती की थाली लेकर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए खड़ी थीं तो यह दर्शाता है कि विपक्ष दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता पर भले कितने आरोप लगाये लेकिन जनता जानती है कि लोकतंत्र का रखवाला और जनता की सुध लेने वाला नेता कौन है?
केरल की जनता ने भले भाजपा की झोली वोटों से नहीं भरी लेकिन प्रधानमंत्री ने इस राज्य के प्रति अपने प्यार में जरा भी कमी नहीं होने दी। बल्कि 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री ने सबसे पहले केरल का ही दौरा किया था और भगवान श्रीकृष्ण गुरुवायुर के मंदिर में पूजन किया था। भारतीय संस्कृति की विविधताओं के प्रति मोदी के मन में गहरा सम्मान है इसीलिए जब वह किसी राज्य की यात्रा पर जाते हैं तो वहां की संस्कृति और लोकाचार में रंग जाते हैं। केरल दौरे के दौरान भी प्रधानमंत्री पारम्परिक वेशभूषा में दिखे जिसे हर किसी ने सराहा।
जहां तक प्रधानमंत्री की यात्रा से केरल को मिली सौगातों की बात है तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने इस दौरान राज्य की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद केरल सेंट्रल स्टेडियम से कोच्चि वाटर मेट्रो सेवा सहित कई अन्य विकास परियोजनाओं की भी शुरुआत की। हम आपको बता दें कि कोच्चि शहर के साथ निर्बाध संपर्क के लिए बैटरी चालित इलेक्ट्रिक हाइब्रिड नौकाओं के माध्यम से कोच्चि के आसपास के 10 द्वीपों को जोड़ने वाली यह अपनी तरह की अनूठी परियोजना है। प्रधानमंत्री ने यहां 3200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
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आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने विभिन्न रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड, वर्कला, शिवगिरी रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और निमोन व कोचुवेली सहित तिरुवनंतपुरम क्षेत्र के व्यापक विकास और तिरुवनंतपुरम-शोरानूर खंड की सेक्शनल गति में वृद्धि की परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने तिरुवनंतपुरम में डिजिटल साइंस पार्क की आधारशिला भी रखी। हम आपको बता दें कि डिजिटल साइंस पार्क की परिकल्पना शिक्षाविदों के सहयोग से उद्योग और व्यावसायिक इकाइयों द्वारा डिजिटल उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए एक प्रमुख शोध सुविधा के रूप में की गई है। साथ ही प्रधानमंत्री ने सेंट्रल स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में विद्युतीकृत डिंडीगुल-पलानी-पलक्कड़ खंड की आधारशिला भी रखी।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने केरल में विभिन्न गिरजाघरों के शीर्ष पादरियों से मुलाकात कर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में इस प्रभावशाली अल्पसंख्यक समुदाय से संपर्क साधने की भाजपा की कोशिशों को और आगे बढ़ाया। प्रधानमंत्री की यह कोशिशें कितना रंग लाती हैं यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे लेकिन प्रधानमंत्री अपने प्रयासों से यह दर्शा रहे हैं कि वह कठिन से कठिन क्षेत्र में भी लगातार कोशिशें करते रहते हैं क्योंकि प्रयासों की निरंतरता ही एक ना एक दिन जरूर सफल बनाती हैं।
-नीरज कुमार दुबे