हॉलीवुड की एक मूवी है इनग्लोरिअस बास्टर्डस। अपने काम में बेहद शातिर जासूस इसमें छोटी सी गलती कर जाता है। कुछ गिनते हुए वो अपनी पहली 3 उंगलियों को निकाल लेता है, फिर क्या था, वो पकड़ा जाता है। जर्मन तुरंत जान जाते हैं कि शख्स डबल एजेंट है। असल में जर्मनी में गिनती करते हुए अंगूठे का भी इस्तेमाल होता है। लेकिन आज आपको एक ऐसे इंसान की कहानी सुनाने जा रहे हैं जो डबल एजेंट बनकर छह सालों तक जर्मन सेना को बेवकूफ बनाता रहा। जिसने अपनी चालाकी से हिटलर को भी ठग दिया। उसने बिना जर्मनी को भनक लगे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सालों तक उसकी जासूसी की और खुफिया जानकारी जुटाता रहा। फिर मिशन पूरा कर हमेशा के लिए गायब हो गया।
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78वां विक्ट्री डे परेड
रूस के साथ जारी जंग के बीच यूक्रेन के कई शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। यूक्रेन के शहरों पर रूस का कहर जारी है। 7 मई की रात यूक्रेन के लिए बुरे सपने सरीखा रहा था। जब रूस ने कीव के साथ-साथ यूक्रेन के कई शहरों पर जबरदस्त हवाई हमले किए। 9 मई का दिन रूस के लिए बहुत खास है। जिस तरह से हम 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाते हुए अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। उसी तरह रूस अपना विक्ट्री डे परेड मनाता है। अपने हथियारों की नुमाइश करता है। आज की दिन पूरी दुनिया की नजर मास्को पर टिकी होती है। द्वितीय विश्व युद्ध की बात है। 24 जून 1945 को पहली विक्ट्री डे परेड हुई थी। इस दौरान रूसी सैनिकों न केवल नाजियों से लड़ाई लड़ी थी। बल्कि लेनिनग्राद और स्टालिनग्राद की रक्षा भी की थी और रेड स्कावयर पर विक्ट्री डे परेड निकाली थी।
अमेरिका और रूस की दोस्ती और नाजीवाद के खिलाफ जंग
1917 में पहले विश्व युद्ध की शुरुआत होती है। दुनिया दो धड़ों मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र में बंट जाती है। मित्र राष्ट्र में अमेरिका और सोवियत संघ और इंग्लैंड होते हैं। उधर जर्मनी, इटली और जापान की ओर से लड़ने वाले देशों को धुरी राष्ट्र कहा गया। 1917 में रूस क्रांति हुई। इसके बाद 1917 से 1933 तक वोलशोविक क्रांति हुई। रूस बना और 17 नवंबर 1933 को अमेरिका ने सोवियत संघ को एक देश के रूप में मान्यता दे दी। दूसरे विश्व युद्ध में रूस और अमेरिका सहयोगी रहे। 1 सितंबर 1939 को जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने पोलैंड पर हमला किया। जिसके साथ ही दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई। लड़ाई में आमने सामने ब्रिटेन, अमेरिका, सोवियत संघ, फ्रांस जैसे देश एक ओर खड़े थे वहीं दूसरी ओर जर्मनी, इटली और जापान जैसे देश शामिल हुए। 6 साल तक चले इस युद्ध में 61 देशों के करीब 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया। करीब सात करोड़ लोगों की जान गई।
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कैसे बना डबल एजेंट
स्पेन में एक रूई के कारखाने के मालिक के यहां जन्म लेने वाले जुआन पुजोल ग्रेशिया अपनी पैदाइश के दौरान सभी से अलग बिल्कुल भी नहीं था। अमीर पिता की संतान कभी रूई का बिजनेस करता तो कभी दुकान में सहयोगी के रूप में भी काम करने लग जाता। पिता की मौत के बाद उसने रूई का धंधा बंद कर मुर्गियां पालने के बारे में सोचा। लेकिन तभी स्पेन में गृह युद्ध छिड़ जाता है। इंसानियत में विश्वास रखने वाला ग्रेसिया जर्मनी की क्रूरता और नरसंहार से नफरत करता था। 1939 में जब ब्रिटेन जर्मनी के साथ युद्ध में गया, तो वह जर्मनी के खिलाफ जासूस के रूप में ब्रिटिश युद्ध के प्रयास में शामिल होने के लिए दृढ़ संकल्पित था। इसको लेकर वो इतना दृढ़ था कि जब ब्रिटिश अधिकारियों ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो वह विचलित नहीं हुआ क्योंकि उसके पास कोई संबंध या साख नहीं थी। इसके बजाय, उन्होंने युद्ध के प्रयासों में सहायता करते हुए अपने रिज्यूमे को पैड करने की योजना तैयार की। पुजोल ने मैड्रिड में नाजी अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें बताया कि वह तीसरे रैह के लिए ब्रिटेन पर जासूसी करने में रुचि रखता है। उसके बाद, उसने नाजियों को मनगढ़ंत जानकारी भेजना शुरू किया जो उन्हें लगा कि लंदन से है, लेकिन जो वास्तव में लिस्बन और मैड्रिड से भेजी गई थी। अनिवार्य रूप से, पुजोल एक दुष्ट डबल-एजेंट बन गया, जिसके बारे में ब्रिटेन को पता भी नहीं था साल 1944 में ब्रिटिश और अमेरिकी सेनाओं ने मिलकर नॉर्मेडी से होते हुए नाजियों को हराने की योजना बनाई। जुआन को इसमें बड़ा काम मिला। उसे किसी तरह हिटलर की सेना को यकीन दिलाना था कि नॉर्मेडी पर हो हल्की फुल्की लड़ाई हो रही है। असल में हमला केले शहर के पास होगा। इस प्लानिंग को ऑपरेश ओवरलोड नाम दिया गया। आम भाषा में इसे डी डे भी कहते हैं। अपनी बात को साबित करने के लिए जुआन ने ब्रिटिश और अमेरिकी सेना अधिकारियों की झूठी सच्ची बातों की रिकॉर्डिंग तक जर्मनी को भेजी।
अपनी मौत की झूठी खबर फैलाई
1945 में यूरोपीय युद्ध समाप्त हो गया पुजोल ने एमआई 5 के लिए जांच करना जारी रखा कि क्या जर्मनी के पास चौथे रैह को फिर से जीवित करने की कोई योजना है। इसके बाद पुजोल यूरोप से बाहर निकलकर युद्ध की अपनी यादों से दूर जाना चाहा। वो वेनेज़ुएला चला गया। लेकिन क्योंकि कई पूर्व नाजियों ने भी अपने अपराधों से बचने के लिए वेनेजुएला को एक जगह के रूप में चुना था, पुजोल ने सोचा कि अगर हर कोई सोचता है कि वह मर चुका है तो यह उसके लिए सुरक्षित होगा। 1948 में उन्होंने टॉमी हैरिस को बुलाया, जो MI5 में उनके हैंडलर थे, और उन्हें निर्देश दिया कि वे सभी को बताएं कि अंगोला में मलेरिया से उनकी मृत्यु हो गई थी। हैरिस ने संगठन के माध्यम से यह खबर फैलाई और एक साल बाद ब्रिटिश राजदूत ने आधिकारिक तौर पर स्पेन को बताया कि वह मर चुका है। यह खबर स्पेन में पुजोल की पहली पत्नी और बच्चों तक पहुंची। इस बीच, वेनेजुएला में, पुजोल ने दाढ़ी बढ़ा ली और एक विशिष्ट जोड़ी चश्मा पहनना शुरू कर दिया। पुजोल ने 1980 के दशक तक अपना रहस्य बनाए रखा। यहां तक कि आखिर तक किसी को पता नहीं लग सका कि वो किस नाम से और कहां रह रहा है।