प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह NCP में हुए घटनाक्रम, कर्नाटक चुनाव 2023 और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को लेकर हो रहे खुलासों से जुड़ी खबरों पर चर्चा की गयी। इस दौरान Prabhasakshi Editor ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने पार्टी अध्यक्ष पद से शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। भले इसके लिए बहुत से कारण गिनाये गये हों लेकिन यह बात भी सही है कि आखिर कब तक वयोवृद्ध नेता ही नेतृत्व करते रहेंगे? पवार जब नये नेतृत्व का मार्गदर्शन करते रहने का वादा कर चुके थे तब उनकी बात सुनी जानी चाहिए थी। कभी भी नया नेतृत्व तत्काल सफल नहीं होता है इसीलिए यदि एनसीपी नया अध्यक्ष अभी चुन लेती तो आगामी चुनावों तक नये नेतृत्व के पास कुछ अनुभव हो जाता। उन्होंने कहा कि एनसीपी समेत तमाम दलों को समझना होगा कि बदलाव प्रकृति का नियम है। बदलाव नहीं होने से जड़ता आ जाती है।
प्रभासाक्षी के संपादक ने किया भी कहा कि जब शरद पवार ने अपने इस्तीफे वापस ले लिया है उसके बाद यह साफ तौर पर लग रहा है कि पूरा का पूरा मामला स्क्रिप्ट पॉलिटिकल ड्रामा था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 2 सप्ताह पहले शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने एक संकेत गया था 15 दिनों के भीतर बड़ा राजनीतिक भूचाल आएगा और वह आ गया। लेकिन इस भूचाल से एनसीपी का कितना फायदा हुआ, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि कहीं ना कहीं शरद पवार ने अपनी इस चाल से यह भी अंदाजा लगा लिया कि पार्टी में कितने लोग उनके साथ हैं और कितने लोग उनके खिलाफ हैं। शरद पवार के इस कदम से उन लोगों को भी बड़ा संदेश किया जो भीतर ही भीतर भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार में आने के लिए उन पर दबाव बना रहे थे। इसके साथ ही नीरज दुबे ने कहा कि इस देश में जितने भी परिवारवादी दल हैं, उसमें जो प्रमुख नेता होते हैं वह पार्टी को पूरी तरीके से प्राइवेट लिमिटेड पार्टी बना देते हैं और अंत तक उस पर अपना कब्जा जारी रखना चाहते हैं।
इसे भी पढ़ें: अपनी पार्टी बचाने के बाद अब मोदी विरोधी मोर्चे में बड़ी भूमिका चाहते हैं शरद पवार
कर्नाटक चुनाव प्रचार में बजरंग दल को लेकर राजनीतिक बार पलटवार जारी है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों को बैन करने की बात कही। इस को लेकर भाजपा ने बड़ा मुद्दा बना लिया। भाजपा इसे साफ तौर पर हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ बता रही है। हमने नीरज दुबे से इस पर भी सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक वैसे तो हनुमान जी का जन्म स्थली है और पूरा का पूरा चुनाव अगर उनके नाम पर हो रहा है तो अच्छी बात है। लेकिन कांग्रेस के मेनिफेस्टो के बाद कर्नाटक में देखा जा सकता है कि कैसे गली-गली में हनुमान चालीसा के पाठ हो रहे हैं, बजरंग दल के समर्थन में पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जगह-जगह हनुमान जी के मंदिर है और वहां हनुमानजी के भक्त भी है। बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात कहकर कांग्रेस ने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली है। कांग्रेस ने भाजपा को हिंदुत्व के पिच पर खेलने का मौका मौका दे दिया है।
दिल्ली में भी अरविंद केजरीवाल के आवास को लेकर चर्चा जोरों पर है। हमने भी अपने कार्यक्रम में इस पर चर्चा की हमने नीरज दुबे से पूछा कि भाजपा का दावा कर रही है कि अरविंद केजरीवाल ने अपना आवास सद्दाम हुसैन और किम जोंग की तरह बना लिया है। इसको लेकर नीरज दुबे ने कहा कि जो फोटो आए हैं उसको देखने के बाद इस आरोप में दम नजर आता है कि केजरीवाल ने अपने आवास को आलीशान बनाने के लिए 45 करोड़ खर्च कराए। नीरज दुबे ने कहा कि अगर एक मुख्यमंत्री का आवास इतना भव्य है तो इसकी क्या जरूरत है? पहले कहते थे कि मुझे 3 कमरों का घर दे दो, आज आप महल जैसे इमारत में रहने की कोशिश कर रहे हैं। पहले आप शिला दीक्षित पर उनके घर में 10-10 एसी लगे होने का आरोप लगाकर उनपर निशाना साधते थे लेकिन आज वह खुद आप कर रहे हैं। आप राजनीति को बदलने आए थे लेकिन आप भी राजनीति में आते ही खुद बदल गए।
– अंकित सिंह