अगर आप भी इस साल यमुनोत्री धाम की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि 22 अप्रैल से यमुनोत्री के कपाट खुल गए हैं। मान्यता के मुताबिक मां यमुना के दर्शनों के साथ चार धाम यात्रा की शुरुआत होती है। ऐसे में अगर आप भी इस पावन स्थल के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको कम से कम 6 दिन का समय जरूर निकालना होगा। उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री समुद्र तल से 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है और भारत-चीन सीमा के निकट स्थित है।
पौराणिक महत्व
यमुनोत्री धाम की गिनती उत्तराखंड के पवित्र धार्मिक स्थल में होती है। बता दें कि यह उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा का पहला पड़ाव है। यमुनोत्री का भारतीय संस्कृति में अपना पौराणिक महत्व है। यमुनोत्री मंदिर अपने थर्मल स्प्रिंग्स और ग्लेशियरों के लिए मशहूर है। माना जाता है कि यमुनोत्री मंदिर के आसपास के झरनों में अलौकिक शक्तियां हैं। इसलिए यहां पर आने वाले तीर्थयात्री अपने साथ आलू और चावल लेकर आते हैं। फिर उसे गर्म झरने के पानी में डुबो कर देवी यमुना का प्रसाद समझकर घर ले जाते हैं। ऐसी मान्यता के कारण हर साल यहां पर दुनियाभर से हजारों भक्त हर इस स्थल पर आते हैं।
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यात्रा के दौरान जरूर ले जाएं ये चीजें
दवा
चार धामन यात्रा के दौरान अपने साथ दस्त, बुखार और अपनी रोज लेने वाली दवाओं को साथ लेकर जाएं।
ऊनी कपड़े
बता दें कि यहां का मौसम काफी ठंडा रहता है, इसलिए यात्रा के दौरान बैग में ऊनी कपड़े रखना न भूलें। इसके साथ ही रेनकोट, ट्रेकिंग सूट, छड़ी और विंड चीटर्स भी जरूर ले जाएं।
खाने की चीजें
चढ़ाई करने के दौरान यदि आपके पास खाने का कुछ सामान होगा तो सफर की टेंशन कम होती है। इसलिए अपने बैग में पानी, मेवा आदि लेकर जा सकते हैं।
रेनकोट और छाता
यमुनोत्री की यात्रा करने के दौरान सबसे जरूरी चीज रेनकोट और छाता होती है। क्योंकि पर्वतीय इलाका होने के कारण यहां पर तापमान बदलता रहता है।
पहचान प्रमाण पत्र
फोटो कॉपी के साथ कोई भी पहचान पत्र यात्रा के दौरान साथ में जरूर ले जाएं। क्योंकि इसके बिना आप यात्रा नहीं कर पाएंगे।
यमुनोत्री में कहां रुकें
आपको बता दें कि यमुनोत्री में रुकने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं है। आप यहां पर हनुमान चट्टी, बड़कोट, तीर्थयात्री जानकी चट्टी, खरसाली और सयाना चट्टी जैसी जगहों पर ठहर सकते हैं। या फिर यमुनोत्री राजमार्ग पर आप किसी आश्रम या धर्मशाला में भी रुक सकते हैं। इसके अलावा आप इन जगहों पर भी रुक सकते हैं।
शिविर निर्वाण, यमुनोत्री
होटल हिमदर्शन, यमुनोत्री
होटल देवभूमि, बरकोट
सम्राट होटल, बरकोट
रतूड़ी राजकीय होटल, यमुनोत्री
होटल संतोष, जानकीचट्टी
होटल यमुना पुत्र, जानकीचट्टी
अतिथि निवास, हनुमानचट्टी
जीएमवीएन हनुमान चट्टी टूरिस्ट रेस्ट हाउस
बरकोट चारधाम कैंप
दुर्गा रिज़ॉर्ट, स्यानाचट्टी
होटल कालिंदी, स्यानाचट्टी
GMVN स्यानाचट्टी टूरिस्ट रेस्ट हाउस ठहरने के लिए अच्छे और सस्ते विकल्प हैं।
ऐसे पहुंचे यमुनोत्री
फ्लाइट से
देहरादून में जॉली ग्रांट यमुनोत्री का एयरपोर्ट करीब 210 किमी की दूरी पर स्थित है। फ्लाइट से यमुनोत्री की यात्रा करना पर्यटकों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। यहां पहुंचने के बाद आप हनुमान चट्टी के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
ट्रेन से
यमुनोत्री का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है। देहरादून के लिए आप अपने शहर से ट्रेन ले सकते हैं। जिसके बाद आप यहां से हनुमान चट्टी की यात्रा टैक्सी और बस आदि से कर सकते हैं।
सड़क मार्ग
उत्तराखंड सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों से सड़क मार्ग से कनेक्ट है। यमुनोत्री की यात्रा हनुमान चट्टी से शुरू होती है। इसलिए आपको हनुमान चट्टी पहुंचने के लिए प्राइवेट कैब, शेयरिंग टैक्सी और बस आदि से जाना होगा।